23 मार्च , 2022

मैं हूँ जल अनमोल,
मैं जीवन का आधार हूँ.
बूँद-बूँद में अमृत लिए,
मैं सृष्टि का प्राण हूँ.

पर्वतों की गोद में कल कल बहता ,अधिक पढ़ें… from हिन्दी लेख, निबंध

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7 मार्च , 2022

एक मंजुल कलिका उपवन में,
प्रसून को देख लजाई थी.
प्रेम लिए अंतस में अपने,
मन ही मन मुस्काई थी.

एक दिन वह कह उठी फूल[..]

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28 फ़रवरी , 2022

धन्य हैं सैनिक सदा,
पीड़ा सहकर भी मुस्काते हैं.
राष्ट्रसेवा का संकल्प लिए हृदय में,
आगे ही बढ़ते जाते हैं.

देशहित का स्वप्न,
हृदय में हरपल[..]

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27 फ़रवरी , 2022

स्मरण है आज भी वो पल जब मेरी
बगिया में वो गुलाब का सुमन खिला था.
अधरों पर विपुल स्मिता थी,
अंतस में आत्मविश्वास बसा[..]

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26 फ़रवरी , 2022

अत्यंत गौरव का दिन था वो एवं,
सुख भरी एक अनुभूति थी.
जब मैंने माँ के आँचल में,
पहली बार संसार में आँखें खोली थीं.

प्यास[..]

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